top of page
Word Of The Week
Iridescent
Life is iridescent, reflecting a spectrum of ever-changing, vibrant experiences.


असित
मेरी आवश्यकता के अनुकूल, क्यों खिलेंगे पतझड़ में फूल? क्या करने को मेरी इच्छापूर्ति, बोल उठेगी मौन यह मूर्ति? अपनी कठोरता त्याग कुलिश,...
Mrityunjay Kashyap
Mar 261 min read
11 views
0 comments


अग्नि की माया
मृग नयनी वो आयत लोचन, कोमल सा उसका नन्हा तन। मधुर बोली संग काले केश, छवि में बसी कोई सुंदरता विशेष। दस वर्ष में ज्ञान अद्भुत, अग्निजा...
Ritisha
Feb 62 min read
93 views
0 comments


आहिस्ता आहिस्ता
तसव्वुर का नशा करता असर आहिस्ता आहिस्ता, हुए आग़ोश में हम बेख़बर आहिस्ता आहिस्ता। बसाया था जो हम ने जोड़ कर आहिस्ता आहिस्ता, उजड़ता जा...
Mrityunjay Kashyap
Jan 241 min read
25 views
0 comments


मंज़िल कहूँ
हर शाम तेरे साथ मैं महफ़िल कहूँ, तेरे बिना ये रात मैं मुश्किल कहूँ। कहता नहीं तेरा गिला-शिकवा कभी, इस बेवफ़ा दिल की ज़बाँ बुज़दिल कहूँ।...
Mrityunjay Kashyap
Jan 201 min read
28 views
0 comments


और बाक़ी है
ग़म की बरसात और बाक़ी है, इक मुलाक़ात और बाक़ी है। बन चुकी दास्ताँ-ए-दिल पत्थर, फ़िर भी जज़्बात और बाक़ी है। कुछ सुना तुम करो सुनूँ मैं...
Mrityunjay Kashyap
Oct 25, 20241 min read
39 views
0 comments


याद है
आजकल यूँ सामने नज़रें चुराना याद है, क्या तुझे एहसान मेरा भूल जाना याद है। दिल लगाने से नए नातों को अब तौबा किया, बेवफ़ा होता हुआ रिश्ता...
Mrityunjay Kashyap
Oct 16, 20241 min read
27 views
0 comments


हाल-ए-दिल: 1
दोस्ती की सारी कहावतें अब झूठी लगती हैं, यह कम्बख़त दुनिया मुझसे रूठी लगती है, यारा! बाकी सब को आज़मा लिया है मैंने, यक़ीनन इक तेरी बात...
Mrityunjay Kashyap
Sep 17, 20241 min read
66 views
0 comments


आँचल
सब सामर्थ्य सबला तेरे करतल, शक्ति स्वरूपा तू आदि प्रबल, लौकिक रूप अलौकिक शृंगार, सौन्दर्य सिरमौर हो ये आंचल! जब शिशु नयन बहते अश्रुजल,...
Mrityunjay Kashyap
Aug 19, 20241 min read
67 views
0 comments


मन में– 4. प्रतिकार
वंचना बीज है प्रतिकार का, रोपती वृक्ष अनेक विकार का। स्मृति-पट के घांव पर लेप सा- मिथ्या हर्ष हेतु यह क्षेप, हा! प्रतिकार कदापि नहीं...
Mrityunjay Kashyap
Jul 26, 20243 min read
31 views
0 comments


शिकायत के लिए
क्यों चाह ना हो तेरी सूरत के लिए, तू है ज़रूरी दिल की सेहत के लिए। हर बात यूँ मुझसे कहा ना तुम करो, अच्छा नहीं ये मेरी आदत के लिए। इस खेल...
Mrityunjay Kashyap
Jun 14, 20241 min read
48 views
0 comments


और मैं हूँ
मेरा भँवरा सा मन है और मैं हूँ, तेरा गुल सा बदन है और मैं हूँ। सितारों से भरा तेरा समाँ है, क़मर सूना सजन है और मैं हूँ। सुबह की शाम होगी...
Mrityunjay Kashyap
Apr 8, 20241 min read
72 views
0 comments


मुझे ग़म नहीं
क़ाबिल-ए-ख़्वाहिश-ओ-आरज़ू हम नहीं, यह चकोर-ओ-मह-ए-नौ सा आलम नहीं। मुझ पे एहसान बाक़ी रहेगा तेरा, वक़्त ज़ख़्म-ए-जुबाँ का है मरहम नहीं।...
Mrityunjay Kashyap
Apr 1, 20241 min read
39 views
0 comments


बंद आँखें तो इक बहाना हैं
नाम से क्यों वुजूद पाना है, मंजिल-ए-कब्र ही तो जाना है। लिख कलाम-ओ-ग़ज़ल उसूल-ए-ग़म, इस ख़ुशी का कहाँ ठिकाना है। मैं हुजूम-ए-मलाल में...
Mrityunjay Kashyap
Mar 24, 20241 min read
59 views
0 comments


दिल बेज़ार होगा
किस भरम में ख़ुश हुए थे हुस्न का दीदार होगा, ख़्वाब जिसका राज़, अनक़ा का कहीं इज़हार होगा! भूल कर भी चैन ना हो वो ख़याल-ए-दिल तेरा है,...
Mrityunjay Kashyap
Mar 22, 20241 min read
31 views
0 comments


अश'आर जारी है
मेरा ग़म-नाक वक़्त-ए-इम्तिहाँ-ए-अस्ल जारी है, मना तू कामयाबी, आबरू जो तेरी प्यारी है। मुरीद-ए-हुक्म था मैं दूद आतिश का उठा जो हो, बुझी...
Mrityunjay Kashyap
Mar 3, 20241 min read
53 views
0 comments


पौरुष
पौरुष का प्रबल प्रदर्शन होनहार है, जब काल का पांचजन्य करेगा नाद, जो सृजन माया का अधिकार नहीं, उससे क्यों किया आमंत्रित विवाद। जिसके अधीन...
Mrityunjay Kashyap
Feb 2, 20241 min read
79 views
0 comments


उसी की फ़ज़ल है
तशरीफ़ लाएं थे कि इबादत-ए-सूरत-ओ-सीरत करने का पल है, अल्फ़ाज़-ए-हम्द तो जुबां भूल ही गए जो दीदार-ए-रेशा-ए-आंचल है। दरख़्तों को...
Mrityunjay Kashyap
Feb 1, 20241 min read
54 views
0 comments


मानस निति कुंज- अयोध्याकाण्ड
रमानाथ जहँ राजा सो पुर बरनि कि जाइ। अनिमादिक सुख संपदा रहीं अवध सब छाइ॥ अयोध्या काण्ड श्रीरामचरितमानस का द्वितीय सोपान है। इसका नाम उसी...
Mrityunjay Kashyap
Jan 22, 202417 min read
56 views
0 comments


भोपाल जंक्शन
सब ठीक हो जाएगा, भोपाल जंक्शन आने वाला है। The Railway Men नामक यह मीनी सिरीज़ 1984 के भोपाल गैस त्रासदी की पृष्ठभुमि पर बनी है। भोपाल...
Mrityunjay Kashyap
Dec 22, 20237 min read
100 views
0 comments


एक छोटी कहानी
एक पुरातन सुंदर उद्यान था (अथवा है?) यह पुरातन अवश्य था, परंतु नवीनता का उत्कृष्ट दर्पण भी। श्रेष्ठतम रमणीयता इसके विशेषण है। कोई भी...
Mrityunjay Kashyap
Dec 16, 20232 min read
47 views
0 comments
EDITOR'S CHOICE



bottom of page