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Word Of The Week
Iridescent
Life is iridescent, reflecting a spectrum of ever-changing, vibrant experiences.
Mrityunjay Kashyap
Oct 25, 20241 min read
और बाक़ी है
ग़म की बरसात और बाक़ी है, इक मुलाक़ात और बाक़ी है। बन चुकी दास्ताँ-ए-दिल पत्थर, फ़िर भी जज़्बात और बाक़ी है। कुछ सुना तुम करो सुनूँ मैं...
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Mrityunjay Kashyap
Oct 16, 20241 min read
याद है
आजकल यूँ सामने नज़रें चुराना याद है, क्या तुझे एहसान मेरा भूल जाना याद है। दिल लगाने से नए नातों को अब तौबा किया, बेवफ़ा होता हुआ रिश्ता...
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Mrityunjay Kashyap
Sep 17, 20241 min read
हाल-ए-दिल: 1
दोस्ती की सारी कहावतें अब झूठी लगती हैं, यह कम्बख़त दुनिया मुझसे रूठी लगती है, यारा! बाकी सब को आज़मा लिया है मैंने, यक़ीनन इक तेरी बात...
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Mrityunjay Kashyap
Aug 19, 20241 min read
आँचल
सब सामर्थ्य सबला तेरे करतल, शक्ति स्वरूपा तू आदि प्रबल, लौकिक रूप अलौकिक शृंगार, सौन्दर्य सिरमौर हो ये आंचल! जब शिशु नयन बहते अश्रुजल,...
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Mrityunjay Kashyap
Jul 26, 20243 min read
मन में– 4. प्रतिकार
वंचना बीज है प्रतिकार का, रोपती वृक्ष अनेक विकार का। स्मृति-पट के घांव पर लेप सा- मिथ्या हर्ष हेतु यह क्षेप, हा! प्रतिकार कदापि नहीं...
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Mrityunjay Kashyap
Jun 14, 20241 min read
शिकायत के लिए
क्यों चाह ना हो तेरी सूरत के लिए, तू है ज़रूरी दिल की सेहत के लिए। हर बात यूँ मुझसे कहा ना तुम करो, अच्छा नहीं ये मेरी आदत के लिए। इस खेल...
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Mrityunjay Kashyap
Apr 8, 20241 min read
और मैं हूँ
मेरा भँवरा सा मन है और मैं हूँ, तेरा गुल सा बदन है और मैं हूँ। सितारों से भरा तेरा समाँ है, क़मर सूना सजन है और मैं हूँ। सुबह की शाम होगी...
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Mrityunjay Kashyap
Apr 1, 20241 min read
मुझे ग़म नहीं
क़ाबिल-ए-ख़्वाहिश-ओ-आरज़ू हम नहीं, यह चकोर-ओ-मह-ए-नौ सा आलम नहीं। मुझ पे एहसान बाक़ी रहेगा तेरा, वक़्त ज़ख़्म-ए-जुबाँ का है मरहम नहीं।...
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Mrityunjay Kashyap
Mar 24, 20241 min read
बंद आँखें तो इक बहाना हैं
नाम से क्यों वुजूद पाना है, मंजिल-ए-कब्र ही तो जाना है। लिख कलाम-ओ-ग़ज़ल उसूल-ए-ग़म, इस ख़ुशी का कहाँ ठिकाना है। मैं हुजूम-ए-मलाल में...
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Mrityunjay Kashyap
Mar 22, 20241 min read
दिल बेज़ार होगा
किस भरम में ख़ुश हुए थे हुस्न का दीदार होगा, ख़्वाब जिसका राज़, अनक़ा का कहीं इज़हार होगा! भूल कर भी चैन ना हो वो ख़याल-ए-दिल तेरा है,...
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Mrityunjay Kashyap
Mar 3, 20241 min read
अश'आर जारी है
मेरा ग़म-नाक वक़्त-ए-इम्तिहाँ-ए-अस्ल जारी है, मना तू कामयाबी, आबरू जो तेरी प्यारी है। मुरीद-ए-हुक्म था मैं दूद आतिश का उठा जो हो, बुझी...
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Mrityunjay Kashyap
Feb 2, 20241 min read
पौरुष
पौरुष का प्रबल प्रदर्शन होनहार है, जब काल का पांचजन्य करेगा नाद, जो सृजन माया का अधिकार नहीं, उससे क्यों किया आमंत्रित विवाद। जिसके अधीन...
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Mrityunjay Kashyap
Feb 1, 20241 min read
उसी की फ़ज़ल है
तशरीफ़ लाएं थे कि इबादत-ए-सूरत-ओ-सीरत करने का पल है, अल्फ़ाज़-ए-हम्द तो जुबां भूल ही गए जो दीदार-ए-रेशा-ए-आंचल है। दरख़्तों को...
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Mrityunjay Kashyap
Jan 22, 202417 min read
मानस निति कुंज- अयोध्याकाण्ड
रमानाथ जहँ राजा सो पुर बरनि कि जाइ। अनिमादिक सुख संपदा रहीं अवध सब छाइ॥ अयोध्या काण्ड श्रीरामचरितमानस का द्वितीय सोपान है। इसका नाम उसी...
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Mrityunjay Kashyap
Dec 22, 20237 min read
भोपाल जंक्शन
सब ठीक हो जाएगा, भोपाल जंक्शन आने वाला है। The Railway Men नामक यह मीनी सिरीज़ 1984 के भोपाल गैस त्रासदी की पृष्ठभुमि पर बनी है। भोपाल...
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Mrityunjay Kashyap
Dec 16, 20232 min read
एक छोटी कहानी
एक पुरातन सुंदर उद्यान था (अथवा है?) यह पुरातन अवश्य था, परंतु नवीनता का उत्कृष्ट दर्पण भी। श्रेष्ठतम रमणीयता इसके विशेषण है। कोई भी...
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Mrityunjay Kashyap
Nov 26, 20233 min read
हमारा संविधान - कार्यपालिका
राज्य की क्या परिभाषा है? यह प्रश्न जितना सरल लगता है, काश उतना होता भी। माननीय उच्चतम न्यायालय के अनेक निर्णयों का मूल तत्व ही इसी...
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Mrityunjay Kashyap
Oct 24, 202315 min read
मानस निति कुंज - बालकाण्ड
वर्णानामर्थ संघानां रसानां छन्दसामपि । मंगलानां च कर्त्तारी वन्दे वाणीविनायकौ ॥ राम भारत की आत्मा हैं। राम हमारी सांस्कृतिक थाती के...
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Pranjal Mishra
Oct 22, 20231 min read
अब घर याद आता है
एक साल ऐसा आया, कुछ कर दिखाने का जुनून चढ़ा। इसी बात के जोश-जोश में, घर से दूर निकल पड़ा। हठ थी या जुनून था, घर से दूर जाने का। हज़ार कदम...
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