Mrityunjay KashyapAug 14, 20234 min readPoems And Stories‘मैं’ और ‘मेरा’'मैं' और 'मेरा' की क्या परिभाषा, मन मान मरु मही को विपासा, चाहे चंचल चरित्र का चारू मुकुर, या स्वार्थ क्षुधा, लगता स्वाद मधुर। प्रधानता...