Mrityunjay KashyapMar 31 min readHindi Literatureअश'आर जारी हैमेरा ग़म-नाक वक़्त-ए-इम्तिहाँ-ए-अस्ल जारी है, मना तू कामयाबी, आबरू जो तेरी प्यारी है। मुरीद-ए-हुक्म था मैं दूद आतिश का उठा जो हो, बुझी...