Mrityunjay KashyapAug 13, 20238 min readPoems And Storiesकुटुम्ब (१)1 वेद की गाड़ी लेट है। अब कोई ट्रेन समय पर आ जाए तो आश्चर्य होता है। सिस्टम के दोष तो है हीं, प्रकृति भी प्रतिकूल है। इधर कोहरा नहीं लग...